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उत्तराखंड के पूर्व सैनिक: कौन सा जिला है नंबर वन? पूरी लिस्ट देखें!

उत्तराखंड के पूर्व सैनिक: कौन सा जिला है नंबर वन? पूरी लिस्ट देखें!


उत्तराखंड की धरती वीरों की भूमि मानी जाती है। यहां के हर घर से कोई न कोई देश की सेवा में तत्पर रहता है। राज्य में सेवानिवृत्त सैनिकों की संख्या भी काफी अधिक है। आइए जानते हैं उत्तराखंड के जिलों में पूर्व सैनिकों की संख्या और किस जिले में सबसे ज्यादा रिटायर्ड आर्मी पर्सनल हैं।


उत्तराखंड के पूर्व सैनिक
उत्तराखंड के पूर्व सैनिक


उत्तराखंड के शीर्ष जिले जहां सबसे अधिक पूर्व सैनिक हैं


1. देहरादून – पूर्व सैनिकों की राजधानी

देहरादून न केवल उत्तराखंड की राजधानी है, बल्कि यह राज्य में सबसे अधिक पूर्व सैनिकों का घर भी है।

  • कुल पूर्व सैनिक: 22,576
  • पूर्व सैनिकों की विधवाएं: 4,000

देहरादून का सैन्य प्रशिक्षण केंद्र और सुविधाएं इसे रिटायर्ड फौजियों के लिए एक आदर्श स्थान बनाते हैं।



2. पिथौरागढ़ – सीमांत क्षेत्र, वीर सैनिकों का गढ़

भारत-नेपाल सीमा से सटा पिथौरागढ़ जिला भारतीय सेना में अहम योगदान देता है।

  • कुल पूर्व सैनिक: 16,517
  • पूर्व सैनिकों की विधवाएं: 7,348

यहाँ के ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर से कोई न कोई सेना में सेवाएं दे चुका है।



3. पौड़ी गढ़वाल – गढ़वाल राइफल्स का गढ़

गढ़वाल राइफल्स का मुख्यालय लैंसडाउन में स्थित होने के कारण इस जिले में भी बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक रहते हैं।

  • कुल पूर्व सैनिक: 14,866
  • पूर्व सैनिकों की विधवाएं: 4,936

गढ़वाल राइफल्स की परंपरा और सैन्य भावना यहाँ के युवाओं को प्रेरित करती है।




अन्य जिलों में पूर्व सैनिकों की स्थिति

हालांकि देहरादून, पिथौरागढ़ और पौड़ी गढ़वाल में सबसे अधिक संख्या है, लेकिन उत्तराखंड के अन्य जिलों में भी पूर्व सैनिकों की अच्छी संख्या पाई जाती है।


उत्तराखंड के पूर्व सैनिक


उत्तराखंड में पूर्व सैनिकों की भूमिका और चुनौतियाँ


पूर्व सैनिक न केवल राज्य की सुरक्षा की रीढ़ हैं, बल्कि समाज में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हालांकि, वे स्वास्थ्य सुविधाओं, पेंशन योजनाओं और रोजगार के अवसरों से संबंधित कुछ चुनौतियों का सामना करते हैं।

सरकार द्वारा दी जा रही प्रमुख सुविधाएं:

  1. पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड: सभी जिलों में सहायता केंद्र उपलब्ध।
  2. स्वास्थ्य योजनाएं: सेना अस्पतालों और CGHS सेवाएं।
  3. आर्थिक सहायता: पेंशन योजनाएं और स्वयं सहायता समूह।



निष्कर्ष

उत्तराखंड के जिलों में सेवानिवृत्त सैनिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। देहरादून, पिथौरागढ़ और पौड़ी गढ़वाल इसमें शीर्ष स्थान पर हैं। यह आंकड़े राज्य की वीर परंपरा को दर्शाते हैं और बताते हैं कि यहां के लोग हमेशा राष्ट्र सेवा के लिए तैयार रहते हैं।

यदि आपके परिवार में भी कोई पूर्व सैनिक हैं, तो उनके लिए उपलब्ध सरकारी योजनाओं का लाभ अवश्य उठाएं।

क्या आप जानते हैं? आपके जिले में कितने पूर्व सैनिक हैं? कमेंट में हमें जरूर बताएं।


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डिस्क्लेमर: इस ब्लॉग में दी गई पूर्व सैनिकों की संख्या विभिन्न स्रोतों पर आधारित है और समय-समय पर बदल सकती है। सटीक जानकारी के लिए संबंधित सरकारी विभाग या पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड से संपर्क करें।




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