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उत्तराखंड में UCC के तहत विवाह के नए नियम: क्या आप तैयार हैं?

 उत्तराखंड में UCC के तहत विवाह के नए नियम: क्या आप तैयार हैं?


उत्तराखंड में UCC के तहत विवाह की आवश्यकताएं: जानें नए नियम और शर्तें!

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code - UCC) लागू होने के बाद विवाह से जुड़े नियमों में कई बदलाव किए गए हैं। अगर आप शादी करने की सोच रहे हैं, तो यह जानना बेहद जरूरी है कि नए कानून के अनुसार किन शर्तों को पूरा करना होगा। आइए सरल भाषा में समझते हैं कि उत्तराखंड UCC के तहत विवाह की आवश्यकताएं क्या हैं और आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।


उत्तराखंड में UCC के तहत विवाह के नए नियम: क्या आप तैयार हैं?


विवाह हेतु आवश्यक शर्तें:

नए कानून के अनुसार, विवाह तभी वैध माना जाएगा जब निम्नलिखित शर्तें पूरी हों:

1. एक विवाह में एक साथी

विवाह के समय किसी भी पक्ष की पहले से कोई जीवित पत्नी या पति नहीं होना चाहिए। यानी, बहु-विवाह (Multiple Marriages) को सख्ती से रोका गया है।

2. मानसिक रूप से स्वस्थ होना आवश्यक

किसी भी पक्ष को मानसिक विकार नहीं होना चाहिए, जैसे:

  • गंभीर मानसिक असंतुलन
  • वैवाहिक दायित्वों को निभाने में अक्षमता
  • बार-बार होने वाली मानसिक बीमारी

3. आयु सीमा का पालन करें

वर की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और वधू की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए। इससे कम उम्र में किया गया विवाह अवैध माना जाएगा।

4. निकट संबंधी विवाह पर प्रतिबंध

वर और वधू का आपस में निकट रक्त संबंध (जैसे भाई-बहन) नहीं होना चाहिए, जब तक कि परंपरा इसकी अनुमति न दे।

5. कानूनी प्रतिबंधों का पालन करें

किसी भी धर्म, परंपरा, या विधि के तहत यदि विवाह अवैध घोषित किया गया हो, तो वह उत्तराखंड UCC के तहत भी अमान्य रहेगा।


उत्तराखंड में UCC के तहत विवाह के नए नियम: क्या आप तैयार हैं?


UCC के तहत विवाह पंजीकरण क्यों जरूरी है?

उत्तराखंड में अब विवाह पंजीकरण (Marriage Registration) अनिवार्य कर दिया गया है। इससे विवाह को कानूनी मान्यता मिलती है और संपत्ति विवादों, तलाक और उत्तराधिकार से जुड़े मामलों में सुविधा मिलती है।

पंजीकरण के लाभ:

  • कानूनी सुरक्षा
  • सरकारी योजनाओं में लाभ
  • संपत्ति विवाद से बचाव



उत्तराखंड में UCC लागू होने के बाद बदलावों का प्रभाव

नए कानून के लागू होने से विवाह प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और कानूनी रूप से सुरक्षित हो गई है। इससे बाल विवाह, जबरदस्ती शादी, और बहुविवाह जैसी कुप्रथाओं पर अंकुश लगेगा।



निष्कर्ष:

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत विवाह के नियम सभी धर्मों के लिए समान बनाए गए हैं। यह कानून पारिवारिक संबंधों में स्पष्टता लाएगा और सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करेगा। यदि आप विवाह की योजना बना रहे हैं, तो इन नियमों का पालन करें और अपने विवाह को कानूनी रूप से पंजीकृत कराएं।


क्या आप उत्तराखंड UCC के तहत विवाह करने के लिए तैयार हैं? अधिक जानकारी के लिए नीचे कमेंट करें या अपने सवाल पूछें।

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