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शिव की नगरी का जादू: क्यों बढ़ रही है आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा की लोकप्रियता?

शिव की नगरी का जादू: क्यों बढ़ रही है आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा की लोकप्रियता?


हिमालय की गोद में बसे आदि कैलाश और ओम पर्वत न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी मशहूर हैं। पिछले पाँच सालों में इन स्थानों पर यात्रियों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है।

लेकिन सवाल यह है कि आखिर क्या वजह है इस बढ़ती लोकप्रियता की? आइए जानते हैं।







1. आध्यात्मिकता और मानसिक शांति का आकर्षण


आदि कैलाश और ओम पर्वत को 'छोटा कैलाश' भी कहा जाता है। यह स्थान भगवान शिव और माता पार्वती के दिव्य निवास के रूप में प्रसिद्ध है।


भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग मानसिक शांति के लिए इन स्थानों का रुख कर रहे हैं।


योग, ध्यान और आध्यात्मिकता का बढ़ता क्रेज भी यात्रियों की संख्या बढ़ा रहा है।






2. सरकार द्वारा बेहतर बुनियादी सुविधाएँ


पिछले कुछ वर्षों में उत्तराखंड और भारत सरकार ने आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा को सुगम बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं:


  • बेहतर सड़कें और परिवहन सुविधाएँ।
  • पर्यटकों के लिए इनर लाइन परमिट की आसान प्रक्रिया।
  • स्थानों पर मेडिकल हेल्प और ट्रैकिंग गाइड्स की उपलब्धता।






3. सोशल मीडिया पर पॉपुलैरिटी


  • आज के डिजिटल युग में हर कोई अपने यात्रा अनुभव को साझा करता है।
  • इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर आदि कैलाश और ओम पर्वत की शानदार तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रही हैं।
  • यह नई पीढ़ी को ट्रेकिंग और एडवेंचर के लिए प्रेरित कर रहा है।




4. पर्यावरणीय जागरूकता


  • पर्यावरणीय जागरूकता के कारण लोग प्रदूषण से दूर हिमालय की शुद्ध हवा में कुछ समय बिताना चाहते हैं।
  • आदि कैलाश और ओम पर्वत पर यात्रा करना पर्यावरण के करीब जाने का एक अवसर बन गया है।






5. तीर्थ और एडवेंचर का कॉम्बो


  • यहां पर धार्मिक यात्रा के साथ-साथ ट्रेकिंग और एडवेंचर का भी मजा लिया जा सकता है।
  • यह जगह न केवल भक्तों के लिए, बल्कि नेचर और एडवेंचर लवर्स के लिए भी परफेक्ट है।


शिव की नगरी का जादू: क्यों बढ़ रही है आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा की लोकप्रियता?






पिछले पाँच सालों का डेटा


  • 2019: लगभग 10,000 यात्रियों ने यात्रा की।
  • 2022: यह संख्या बढ़कर 15,000 हो गई।
  • 2024: रिकॉर्ड तोड़ 31,000 यात्रियों ने यात्रा की।


> यह बताता है कि आने वाले वर्षों में यह संख्या और अधिक बढ़ने वाली है।






FAQs Section


1. आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा कब शुरू होती है?


यात्रा का समय मई से अक्टूबर तक होता है, जब मौसम सुहावना और सुरक्षित रहता है।


2. यात्रा के लिए परमिट कैसे लें?


परमिट के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया आसान कर दी गई है। आप इसे उत्तराखंड पर्यटन की वेबसाइट से आवेदन कर सकते हैं।


3. यात्रा की लागत कितनी होती है?


यात्रा की लागत आपके पैकेज और साधनों पर निर्भर करती है। औसतन ₹25,000 से ₹50,000 तक खर्च होता है।





निष्कर्ष


आदि कैलाश और ओम पर्वत न केवल धार्मिक यात्रा का केंद्र हैं, बल्कि यह आत्मा, शरीर और मन के संतुलन के लिए भी एक बेहतरीन स्थान है। अगर आपने अब तक इस यात्रा का अनुभव नहीं किया है, तो यह आपके "टू-डू लिस्ट" में जरूर होना चाहिए।


> तो, अगली बार की यात्रा प्लानिंग में इस जगह को जरूर शामिल करें और शिव की इस नगरी में जीवन का असली आनंद लें।

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