उत्तराखंड के चीन नेपाल बॉर्डर में बसा पिथौरागढ़ जिला जो अपनी खूबसूरती के कारण छोटा कश्मीर के नाम से भी जाना जाता है जिसे 1994 से दुनियाभर से हवाई संपर्क द्वारा जोड़ने का प्रयास किया जा रहा था, और यहाँ बॉर्डर में रहने वाले हजारों लोगो का यह सपना पूरा हुआ 2019 में। सन 1991 में इस एयरस्ट्रिप का निर्माण कार्य मुलायम सिंह यादव की सरकार में शुरू तो हुआ, पर उसके बाद कई राजनीतिक उलटफेर,राज्य आन्दोलन व बदलते हुए सत्ताधारियों की गद्दी की तरह ये मसला भी बदलता रहा।कई ट्रायल, घोसणाओ और उदघाटन के बाद भी नगर वासियो के लिए नैनीसैनी से उड़ान शुरू होना एक सपना और नेताओं के लिए एक चुनावी मुद्दा ही रहा ।
सुरक्षा कारणों से भी है महत्वपूर्ण
सीमान्त क्षेत्र होने के साथ साथ चीन सेना द्वारा भारतीय सीमा पर बार बार घुसपैठ करना एक चुनोतिपूर्ण विषय है, चीन सीमा पर भारतीय फौज को अधिक मजबूत करने के लिहाज से नैनिसैनी एयरपोर्ट का सुचारू होना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि भारतीय सड़कों का जाल अभी भी भारतीय सीमा तक सुव्यवस्थित नही हुआ है जबकि चीन ने अपनी सीमा तक रेल लाइन का भी निमार्ण कर लिया है।
एयरफोर्स बेस बनाने की है योजना
माना जा रहा है कि भारतीय सरकार नैनिसैनी एयरपोर्ट को एयरफोर्स बेस बनाने की योजना बना रही है अगर ऐसा होता है तो काफी संख्या में एयरपोर्ट के आसपास के निवासियों को भी शिफ्ट करने की आवश्यकता पड़ेगी,और मौजूदा एयरपोर्ट को अधिक विस्तारित करना पड़ेगा,फिलहाल ये योजनाओ में है उस से पहले यहाँ से यात्री उड़ान की सुविधाएं उपलब्ध होना ही एक बड़ी उपलब्धि है और पिथौरागढ़ व देश की जनता के बड़े ही हर्ष की बात है।
अक्टूबर 2018 में उदघाट्न हो चुका है
अक्टूबर 2018 से यह सेवा नियमित शुरू होनी थी । 8 अक्टूबर 2018 को इस सेवा का उद्घाटन माननीय मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा देहरादून के जोलीग्रांट में हरी झण्डी दिखा कर किया गया। और 24 अक्टूबर से हेरिटेज एविएशन द्वारा दिल्ली , देहरादून के लिए नियमित नौ सीटर विमान उड़ाने का प्रपोज़ल दिया गया परन्तु एयरपोर्ट के समीप कुछ निजी भवन बड़े एयरोप्लेन के टेकऑफ और लैंडिंग में खतरा बताये जा रहे थे और इन भवन स्वामियों को शिफ्ट करने में कम से कम छः माह का समय सरकार द्वारा दिया गया। परन्तु पिथौरागढ़ की जनता का सब्र अब टूट चूका था और कई राजनितिक दल व् अन्य समूहों ने आंदोलन करना शुरू कर दिया।
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उड़ान शुरू करने को शुरू हुआ आंदोलन
अब तक हवाई उड़ान की योजना हवाई शाबित होने के बाद पहली बार जनता का आक्रोश देखने को मिलने लगा था, जिले में हो रहे निकाय चुनाव 2018 के प्रमोशन के लिए नैनीसैनी पहुँचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का मनोज कुमार जोशी (ML ) ने यह कह कर विरोध किया कि जब आम जनता के लिए नैनीसैनी एयरपोर्ट की सुविधा नहीं है तो क्यों नेता लोग ही इस एयरपोर्ट का प्रयोग कर रहे हैं? मनोज कुमार जोशी वही व्यक्ति हैं जो रई झील के लिये अभी तक अपना आंदोलन जीवित रखे हुवे हैं, इन्होने आमजनता के लिए नैनीसैनी से हवाई सेवा शुरू करने के लिए सत्याग्रह आंदोलन की शुरुवात की। जैसा की हम आपको पहले ही बता चुके है मुलायम सिंह यादव की सरकार में शुरू हुआ यह एयरपोर्ट प्रोजेक्ट काफी ज्यादा समय ले चूका था ,अब करोड़ों रूपये खर्च होने के बाद दो मकानों का हवाला देकर योजना को लटका देना गलत था और यह उत्तराखण्ड के दुर्भाग्य की एक और कड़ी बनने जा रहा था,जहाँ जनता के करोड़ों अरबों से इंफ्रास्ट्रक्चर तो तैयार हो जाता है पर सुविधाएं देने वाले नहीं पहुंच पाते। उदाहरण के तौर पर बड़ी बड़ी सरकारी बिल्डिंग्स , हॉस्पिटल्स , स्कूल ,कॉलेजेस और अब एयरपोर्ट। पर जनता के आक्रोश को भांपते हुए और UDAN योजना के प्रभावी होने के कारण राज्य सरकार द्वारा पूरी कोशिस व् तैयारी की गयी और आज पिथौरागढ़ से हवाई सेवा शुरू होने के बाद भी ठप पड़ी है।
संभावनाएं अभी और भी है
ये नैनीसैनी हवाईपट्टी की कहानी का अंत नहीं है परन्तु एक नयी कहानी की शुरुवात है और आने वाला भविष्य कई नयी कहानियों को बयां करेगा। रक्षा व् पर्यटन क्षेत्र में इस हवाईपट्टी की अत्यधिक संभावनाएं है व् इन संभावनाओं ने पिथौरागढ़ को एक ऐसा संपर्क मार्ग प्रदान कर सकता है जिसके दरवाजे दुनियाँ भर के ऐसे संपर्क मार्गो से जुड़ते हैं जिनकी रफ़्तार आधुनिक युग में यात्रा करने वाले सभी आयामों में सबसे तेज है।
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