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उत्तराखंड में बॉबी पंवार और टीम द्वारा उजागर की गई भर्ती और प्रमोशन घोटाले

उत्तराखंड में बॉबी पंवार और टीम द्वारा उजागर की गई भर्ती और प्रमोशन घोटाले


पिछले पाँच वर्षों में, उत्तराखंड राज्य में कई भर्ती और प्रमोशन घोटाले सामने आए, जिनमें सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं और पदोन्नति में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ। इन घोटालों को उजागर करने का श्रेय समाजसेवी बॉबी पंवार और उनकी टीम को जाता है। इन खुलासों ने सरकारी भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आइए, इन प्रमुख घोटालों पर एक नजर डालते हैं:

उत्तराखंड में बॉबी पंवार और टीम द्वारा उजागर की गई भर्ती और प्रमोशन घोटाले

1. यूकेएसएसएससी पेपर लीक घोटाला (2022)


उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) द्वारा आयोजित परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर पेपर लीक होने का मामला सामने आया। बॉबी पंवार की टीम ने खुलासा किया कि कई परीक्षाओं के प्रश्न पत्र पहले ही लीक कर दिए गए थे, जिससे कुछ उम्मीदवारों को अनुचित तरीके से फायदा पहुंचाया गया। इस घोटाले में कई बिचौलिए और सरकारी अधिकारी शामिल थे।

प्रभाव: इस खुलासे के बाद राज्यभर में विरोध-प्रदर्शन हुए और सरकार को कई परीक्षाएं रद्द करनी पड़ीं। इसके साथ ही, विशेष जांच दल (STF) द्वारा मामले की गहन जांच शुरू की गई, जिसके तहत कई गिरफ्तारियां हुईं।


2. वीडीओ भर्ती घोटाला (2022)


ग्राम विकास अधिकारी (VDO) पदों की भर्ती में भी बड़े पैमाने पर धांधली का मामला सामने आया। पंवार की टीम ने खुलासा किया कि इस भर्ती प्रक्रिया में प्रश्न पत्र लीक कर उम्मीदवारों को चयनित किया गया। जांच के दौरान पता चला कि कई उम्मीदवारों ने मोटी रकम देकर प्रश्न पत्र हासिल किए थे।

प्रभाव: इस घोटाले के बाद कई सरकारी कर्मचारियों की गिरफ्तारी हुई और प्रभावित परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया। सरकार ने भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा के आदेश दिए।


3. फॉरेस्ट गार्ड भर्ती घोटाला (2022)


फॉरेस्ट गार्ड पदों की भर्ती में गड़बड़ी की खबरें सामने आईं, जहां उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ कर कुछ उम्मीदवारों को फायदा पहुंचाया गया। बॉबी पंवार ने इस घोटाले को उजागर कर अधिकारियों की मिलीभगत का पर्दाफाश किया।

प्रभाव: इस मामले के बाद परिणामों पर रोक लगा दी गई और भर्ती प्रक्रिया की फिर से जांच के आदेश दिए गए। इस घोटाले ने भर्ती प्रक्रिया में सुधार की मांग को तेज कर दिया।


4. पुलिस कांस्टेबल भर्ती घोटाला (2021)


उत्तराखंड पुलिस कांस्टेबल भर्ती में भी अनियमितताओं का खुलासा हुआ, जहां बॉबी पंवार ने आरोप लगाया कि चयन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार कर कुछ उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाया गया। कई उम्मीदवारों ने आरोप लगाया कि चयन के लिए पैसों का लेन-देन हुआ था।

प्रभाव: इस खुलासे के बाद पुलिस भर्ती पर रोक लगाई गई और STF को मामले की जांच सौंपी गई। कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया और चयन प्रक्रिया को कड़ी निगरानी में रखा गया।


5. राज्य सचिवालय में प्रमोशन घोटाला (2023)


बॉबी पंवार ने उत्तराखंड राज्य सचिवालय में प्रमोशन घोटाले का खुलासा किया, जहां बिना मेरिट के आधार पर कुछ अधिकारियों को पदोन्नति दी गई थी। आरोप थे कि नियमों को ताक पर रखकर कुछ चुनिंदा कर्मचारियों को प्रमोट किया गया।

प्रभाव: इस घोटाले के उजागर होने के बाद कर्मचारियों की पदोन्नति की समीक्षा की गई और सरकार ने मेरिट के आधार पर प्रमोशन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के निर्देश दिए।


6. जेई/एजेई भर्ती घोटाला (2020)


जूनियर इंजीनियर (JE) और असिस्टेंट जूनियर इंजीनियर (AJE) की भर्ती में भी गड़बड़ी सामने आई। बॉबी पंवार की टीम ने खुलासा किया कि इस भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक कर दिए गए थे और कुछ उम्मीदवारों के अंक बढ़ाकर चयनित किया गया।

प्रभाव: इस घोटाले के बाद भर्ती परिणामों पर रोक लगा दी गई और दोबारा परीक्षा आयोजित की गई। साथ ही, भविष्य की भर्ती प्रक्रियाओं में सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए।


निष्कर्ष


बॉबी पंवार और उनकी टीम द्वारा उजागर किए गए इन घोटालों ने उत्तराखंड की भर्ती प्रक्रिया की खामियों को उजागर किया है। इन खुलासों ने न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं, बल्कि सरकार को सुधारात्मक कदम उठाने के लिए भी मजबूर किया है।

इस तरह के घोटालों की बार-बार होने वाली घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उत्तराखंड में भर्ती प्रक्रियाओं को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि योग्य उम्मीदवारों के साथ न्याय हो सके और जनता का विश्वास बहाल किया जा सके।

संदर्भ


1. अमर उजाला, उत्तराखंड UKSSSC परीक्षा घोटाला: भर्ती में भ्रष्टाचार का खुलासा।


2. हिन्दुस्तान टाइम्स, सचिवालय प्रमोशन घोटाला: भ्रष्टाचार पर पंवार का खुलासा।


3. पायनियर एज, PCS परीक्षा घोटाला: बॉबी पंवार के आरोप।



इन घोटालों के खुलासे ने राज्य सरकार को पारदर्शी और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने पर मजबूर किया।



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