85वां कोर डे: भारतीय सेना ने शहीद नायक वासुदेव जोशी के परिवार को किया सम्मानित
अमृतसर, 17 अक्टूबर 2024 – भारतीय सेना की 15 पैदल खण्ड प्रोवोस्ट इकाई (CMP) ने अपने 85वें कोर डे समारोह के अवसर पर 1965 के भारत-पाक युद्ध के वीर नायक शहीद नायक वासुदेव जोशी के परिवार को सम्मानित किया। अमृतसर में आयोजित इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शहीद के परिवार को पहली बार मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित कर उन्हें सेना के गौरवशाली इतिहास से जोड़ा गया।
शहीद नायक वासुदेव जोशी: पिथौरागढ़ के वीर योद्धा
नायक वासुदेव जोशी मूल रूप से उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के गेठना गाँव के निवासी थे। उन्होंने 20 सितंबर 1965 को मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। भारत-पाक युद्ध के दौरान उनकी वीरता और बलिदान ने उन्हें अमर शहीदों की पंक्ति में स्थान दिलाया।
परिवार की स्थिति और सम्मान की पहल
शहीद जोशी की चार पुत्रियां हैं, जिनमें से तीन का विवाह पिथौरागढ़ जिले में और एक का विवाह चंपावत जिले में हुआ है। उनकी धर्मपत्नी, स्व. आनंदी देवी, अपने जीवन के अंतिम वर्षों में पिथौरागढ़ के जाजरदेवल में दूसरी पुत्री श्रीमती विमला देवी के साथ निवास करती थीं। आनंदी देवी का निधन 1 अक्टूबर 2018 को जाजरदेवल में हो गया।
सेना की पहल: परिवार के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता
15 पैदल खण्ड प्रोवोस्ट इकाई के कमान अधिकारी और उपकमान अधिकारी की दूरदर्शिता और सकारात्मक सोच ने इस सम्मान समारोह को विशेष बनाया। उन्होंने नायक वासुदेव जोशी के परिवार से संपर्क कर न केवल उनके घर तक पहुंच बनाई, बल्कि उन्हें इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित भी किया। इस कोर डे समारोह को शहीद की वीरता और बलिदान को समर्पित किया गया, जिससे परिवार को गर्व और सम्मान की अनुभूति मिली।
कोर डे समारोह: वीरता का उत्सव
इस वर्ष के समारोह में सेना के अधिकारियों, जवानों और बच्चों ने भी नायक वासुदेव जोशी के साहस को नमन करते हुए उनके परिवार का सम्मान किया। समारोह में कहा गया कि शहीद परिवारों का सम्मान करना भारतीय सेना की परंपरा और गौरवशाली विरासत का अभिन्न हिस्सा है।
भविष्य में भी जारी रहेगा शहीदों का सम्मान
कार्यक्रम में उपस्थित सैन्य अधिकारियों ने यह विश्वास दिलाया कि भविष्य में भी शहीदों के परिवारों को इसी प्रकार सम्मानित किया जाएगा। इस पहल ने न केवल शहीद परिवारों को सम्मानित महसूस कराया, बल्कि सेना और नागरिकों के बीच संबंधों को भी प्रगाढ़ बनाया।
निष्कर्ष
यह समारोह भारतीय सेना की न केवल वीरता और त्याग की परंपरा का उदाहरण है, बल्कि यह बताता है कि सेना अपने शहीदों और उनके परिवारों को कभी नहीं भूलती। अमृतसर का 85वां कोर डे नायक वासुदेव जोशी की अमर गाथा को समर्पित रहा, जिससे यह क्षण सेना के गौरवशाली इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया।
इस ब्लॉग के माध्यम से भारतीय सेना की सेवा और शहीदों के प्रति सम्मान की भावना को उजागर करने का प्रयास किया गया है, ताकि लोग हमारे रक्षकों के योगदान को याद रखें और प्रेरणा लें।