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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 5000 पदों की भर्ती के प्रस्ताव लौटाए

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 5000 पदों की भर्ती के प्रस्ताव लौटाए

देहरादून, 30 अगस्त 2024:
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने प्रदेश में समूह-ग के 5000 रिक्त पदों पर भर्ती के प्रस्तावों को संबंधित विभागों को वापस लौटा दिया है। आयोग ने इन प्रस्तावों में कुछ आवश्यक बदलाव करने के निर्देश दिए हैं, जिससे भर्ती प्रक्रिया में कोई खामी न रहे।

आयोग के सचिव सुरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि विभिन्न विभागों से कुल 5000 पदों पर भर्तियों के प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। हालांकि, इन प्रस्तावों में आंदोलनकारी आरक्षण के निर्धारण को लेकर पुनर्विचार की आवश्यकता थी। इसके अलावा, कुछ विभागों के प्रस्तावों में अन्य कमियां भी पाई गईं, जिन्हें दूर करने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस कदम से भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जाएगी।

आयोग ने उठाया कदम, प्रक्रिया में सुधार पर जोर

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने इन कमियों को दूर करने के उद्देश्य से संबंधित विभागों को प्रस्ताव वापस भेजे हैं। इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में किसी भी प्रकार की गलतफहमी या विवाद न हो। प्रस्तावों में सुधार के बाद आयोग द्वारा जल्द ही विज्ञप्तियां जारी की जाएंगी, जिससे योग्य उम्मीदवारों को सही अवसर मिल सके।

दो साल में भरे गए 4600 पद

आयोग के सचिव एसएस रावत ने बताया कि अप्रैल 2022 से अब तक कुल 4600 पदों पर भर्तियां पूरी की जा चुकी हैं। इन सभी पदों की चयन सूची संबंधित विभागों को भेज दी गई है, और संबंधित विभागों ने इन पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है।

आने वाली भर्तियां

आयोग वर्तमान में 1544 पदों की एलटी भर्ती, 200 पदों की वन स्केलर भर्ती, 229 पदों की आबकारी निरीक्षक और परिवहन आरक्षी आदि की भर्ती पर कार्य कर रहा है। इसके अतिरिक्त, 34 पदों की वाहन चालक भर्ती और 25 पदों की सहायक भंडारी भर्ती की प्रक्रिया भी चल रही है। इन सभी भर्तियों की प्रक्रिया जल्द ही पूरी की जाएगी, जिससे प्रदेश में सरकारी सेवाओं के लिए आवश्यक मानव संसाधन की पूर्ति हो सके।

निष्कर्ष

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 5000 पदों के भर्ती प्रस्तावों को वापस लौटाना यह दर्शाता है कि आयोग भर्ती प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की खामी या अनियमितता को बर्दाश्त नहीं करेगा। यह कदम आयोग की पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया है। इससे प्रदेश के योग्य युवाओं को निष्पक्ष अवसर प्राप्त होंगे और सरकारी विभागों में आवश्यक पदों पर नियुक्तियां सुचारू रूप से की जा सकेंगी।

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