शिव के कैलाश की सात रोचक बातें
सभी विचारों,आवेशों व भावनाओं का साक्षात है शिव। शिव सर्वव्यापी है शिव हर सुर ताल और ध्वनि का स्रोत है ऊर्जा का स्पंदन है, हर अस्तित्व का अस्तित्व शिव ही है। वो व्यक्तित्व भी शिव ही है जो शिव से परे है जो बैरागी है प्रेमी है योद्धा है दयालु है और मदमस्त जोगी भी है। यह वह भोला भंडारी है जो नाचे तो धरती डोल जाए,क्रोधित हो तो प्रलय आ जाये।
कृष्णपक्ष के चौदहवें दिन, फरवरी-मार्च में होने वाली अमावस्या से एक दिन पहले महाशिवरात्रि का त्योहार बनाया जाता है। यह उत्सव इंसान को उसके आध्यात्मिक चरम पर पहुँचने को प्रेरित करता है।
प्रसिद्ध लेखक अमीष त्रिपाठी लिखते हैं, शिव का व्यक्तित्व बेहद सजगता से युवओं को आकर्षित करता है शिव अपने आप में बेहद 'कूल' किरदार है वह हर उस व्यक्ति के ईष्ट हैं जिसके मन में विद्रोह है। वह देवों व असुरों में भेद नही करते।वह आजीवन एक ही स्त्री से प्रेम करने वाले पुरूष हैं, जो पार्वती से अथाह प्रेम करते हैं। वह शानदार नर्तक है साथ ही वह बेहद बुद्धिमान और प्रजातांत्रिक देवता हैं।
शिव के कैलाश की सात रोचक बातें
कैलाश पर्वत को शिव का निवास स्थान बताया गया है कैलाश में रहने वाला यह जोगी कैलाश पर्वत की तरह ही स्थिर है शिव को ही कैलाश भी बोलते है आइये जानते है शिव के कैलाश पर्वत की सात रोचक बातें।
- कैलाश पर्वत की ऊंचाई 6638 मीटर है जिसे चढ़ना अत्यंत दुर्गम है 12 वी शताब्दी में मिलारेपा नाम के व्यक्ति ने कैलाश पर्वत की चढाई की है।
- कैलाश पर्वत को हिन्दुओ ,तिब्बतियों ,बौद्ध धर्म व् जैन धर्म में पवित्र स्थान माना गया है अतः चीन सरकार द्वारा कैलाश पर्वत पर रोहण करना प्रतिबंधित है।
- कैलाश पर्वत की तलहटी में दो सरोवर या ताल हैं पहली मानसरोवर ताल है जिसका पानी मीठा व् ताज़ा है दूसरी राक्षस ताल जिसका पानी खारा बताया जाता है , मानसरोवर ताल का आकार सूर्य के जैसा व् राक्षश ताल का आकार चन्द्राकर है दोनों झीलें एक पट्टीनुमा भूमि से विभाजित है।
- तिब्बत की एक कहावत के अनुसार कोई भी जीवित व्यक्ति कैलाश पर्वत की चोटी तक नहीं पहुँच सकता बादलों के पास वहाँ देवताओं का निवास है यदि कोई जीवित व्यक्ति उस चोटी पर पहुँचता है और देवताओं के चेहरे को देखता है तो उसे मृत्यु को प्राप्त होना होगा। पर्वतारोही कर्नल विल्सन के अनुसार " जैसे ही मैंने शिखर में पहुँचने का आसान रास्ता ढूंढा अचानक एक बर्फीले तूफ़ान ने मेरी यात्रा असंभव बना दी"।
- कैलाश पर्वत के आसपास रहने वालों के नाख़ून और बाल 24 घंटे में उतने बढ़ जाते है जो सामान्य रूप से दो हफ्ते में बढ़ते हैं।
- कुछ रशियन वैज्ञानिकों के अनुसार कैलाश पर्वत एक मानव निर्मित पिरामिड है जो संसार में मौजूद अन्य इसी प्रकार के स्मारकों से जोड़ता है जहाँ इसी प्रकार की असाधारण घटनाएं घटित होती हैं।
- कैलाश पर्वत को दुनिया का केंद्र भी कहा गया है व पृथ्वी की धुरी भी कहा गया है जो पृथ्वी को स्वर्ग से जोड़ती है मान्यताओं के अनुसार से यह स्थान भौत्तिक दुनियाँ को आध्यत्मिक दुनियाँ से जोड़ती है।