250+ Food Poisoning Case in Marriage Function of Bageshwar Uttrakhand
उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के बास्ती गांव में फ़ूड पोईजनिंग का मामला उत्तराखंड व देश में अब तक हुए फ़ूड पॉइजनिंग के मामलो में एक बढ़ा मामला माना जा रहा है। इस घटना में अब तक 250 से ज्यादा लोग प्रभावित हो चुके है अकेले CHC बेरीनाग में 174 मरीज भर्ती किये गए हैं जिनमे से 43 मरीजों को एम्बुलेन्स द्वारा हायर सेन्टर रेफर किया गया है और 9 मरीजों को हेलीकॉप्टर द्वारा हायर सेन्टर पहुँचाया गया है।
इस हादसे के बाद अब तक तीन लोगो की मौत की खबर प्रशासन द्वारा दी गयी है। जिसमे एक बच्चा भी शामिल है
क्या है पूरा मामला?
29 नवम्बर को बास्ती गाँव में बारात आयी थी जिसमे दोपहर के भोजन के बाद सभी को उल्टी दस्त की शिकायत होने लगी पर उस शाम को कोई स्वास्थ्य टीम गांव तक नही पहुँच पाई पर अगले दिन पिथौरागढ़, बागेश्वर से पाँच 108 एम्बुलेन्स और स्वास्थ्य टीमों ने राहत कार्य शुरू किया। सड़क मार्गों की कठिनाई और पूरे क्षेत्र में किसी भी सरकारी अस्पताल के रात में एक्टिव न होने के कारण राहत कार्य करीब 12 घंटे से अधिक का समय लग गया। और आज 1 दिसम्बर शाम तक भी मरीज हायर सेंटर सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किये जा रहे है जिसकी दूरी घटना स्थल से लगभग 200 किमी से अधिक है।
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कुछ सवाल
1 . क्या उत्तराखण्ड बनने के 18 साल बाद भी हमारे जिला अस्पताल फ़ूड पॉइजनिंग जैसे केसेस को हैंडल करने में सक्षम नहीं है?
2 . क्या पहाड़ी राज्य होने के बाद भी पहाड़ में मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल नहीं होना चाहिए ? क्यों पहाड़ी राज्य बनने के बाद भी 200 किमी दूर मैदानी जगह पर इलाज के लिए जाना पड़ रहा है ?
3 . उलटी दस्त से पीड़ित मरीज और पहाड़ी रस्ते का सफर आप सोच सकते है जिन रास्तों में सामान्य व्यक्ति भी उल्टियाँ कर दे,उन रास्तों से सफर कर ये मरीज इलाज के लिए जा रहे हैं।
4 आखिरी सवाल यह है यदि आज से 18 साल पहले भी पहाड़ के मरीज को अच्छे इलाज के लिए मैदानी इलाको में जाना पड़ता था और आज भी, तो हमारे प्रदेश में 18 वर्षो में स्वास्थ क्षेत्र में कितनी अधिक प्रगति हुई है विचारणीय है।